कड़ी अनुवादक: एली
भले ही सविता भाभी के सैक्स के प्रति खुले विचारों और कहानियों ने कई सालों से इस साइट के पाठकों का मनोरंजन किया है, लेकिन कभी भी कुछ मर्द ऐसे हैं जो एक महिला की कामुकता से डरते हैं, जो इसे अपने पुराने विचारो के नीचे रखना चाहते हैं या इससे भी बदतर, इसके अस्तित्व को ही दबा देना चाहते हैं. लेकिन सविता अपनी जरूरतों और इच्छाओं को दबा देने वाली औरतों में से नही है, जैसा कि हम इस एपिसोड में देखेंगे. इसीलिए जब एक रूढ़िवादी, बुड्ढा उसे सार्वजनिक पार्क में बस थोड़ा सा प्यार दिखाने उसे शर्मसार करने की कोशिश करता है, तो वो इस आदमी का सभ्यता का नकाब हटाने का फैसला करती है: उसी तरीके से, जिसमें वो पूरी माहिर है.